जिसे हैं जाना नहीं रोक सकता कोई जिसे हैं मिलना नहीं दूर कर सकता कोई तक़दीर मैं जो हैं लिखा…
मंज़िल को बोलो रुके वख्त हैं अभी उसे पा लेने मैं रास्ते का जो हैं मज़ा नहीं हैं वह पोहोच…